Fursat
बहुत भीड़ लगी है आजकल जगह-जगह, हर जगह सब व्यस्त से मालूम होते हैं गुज़र बसर जुगाड़ रहे शायद क्या करें भाई? यह इक्कसवीं सदी है यहाँ सपनों का बाजार लगा है सब उसी कारोबार में व्यस्त हैं शायद बहुत भीड़ जमा है…

बहुत भीड़ लगी है आजकल जगह-जगह, हर जगह सब व्यस्त से मालूम होते हैं गुज़र बसर जुगाड़ रहे शायद क्या करें भाई? यह इक्कसवीं सदी है यहाँ सपनों का बाजार लगा है सब उसी कारोबार में व्यस्त हैं शायद बहुत भीड़ जमा है…