१०० ग्राम सुकून भी काफी होता ज़िन्दगी गुज़ारने के लिए सब कुछ था पर बस सुकून ही न मिला पल दो पल के लिए   हर रात रोशन था आसमान  उस चाँद की चांदनी के दरम्यान  पर मेरी आँखों से गायब है जो नींद ऐ…