100 gm सुकून
१०० ग्राम सुकून भी काफी होता ज़िन्दगी गुज़ारने के लिए सब कुछ था पर बस सुकून ही न मिला पल दो पल के लिए हर रात रोशन था आसमान उस चाँद की चांदनी के दरम्यान पर मेरी आँखों से गायब है जो नींद ऐ…
![bg](https://thebuswindow.com/wp-content/uploads/2022/07/15840-kopya-2.png)
१०० ग्राम सुकून भी काफी होता ज़िन्दगी गुज़ारने के लिए सब कुछ था पर बस सुकून ही न मिला पल दो पल के लिए हर रात रोशन था आसमान उस चाँद की चांदनी के दरम्यान पर मेरी आँखों से गायब है जो नींद ऐ…