Kahwa (कहवा)
अर्सों हो गए एक कप गरमा-गरम कहवा पिए हुए,उस अंगीठी के आगे-पीछे बैठे हुएऔर अपने दिलों को हल्का किये हुए! वो कहानियां भीन जाने कहाँ गुम सीहो गयी,जिन्हें कहवे के घूंट संग पीते थेमानो वह चीनी से नमक हो गयी! उस कहवे में क़ैद दिलों की गर्माहट थीअब तो जैसे…