सब धुआँ धुआँ हो जाएगा

जो कल था वो आज नहीं
जो आज है वो कल होगा नहीं
समय का चक्र बड़ा बलवान
रहने को रह जाएंगे बस निशाँ
बाकी सब धुआँ-धुआँ हो जाएगा

अगर कल शोर था, आज सन्नाटा है
कल भीड़ में सब ठीक था
पर आज अकेलेपन में मैं घबराता है
अकेले ही तू आया था अकेले ही तू जाएगा
बाकी सब धुआँ-धुआँ हो जाएगा

अँधेरा है तोह उजाला कर
जहाँ जाए तू, प्यार का प्याला भर
तू तोड़ दे नफरत के मकान
जल तू भी मशाल के सामान
क्यूंकि वैसे भी सब धुआँ-धुआँ हो जाएगा

है हौसला, तो सपने बन
तू भी अपनी राहें चुन
सपनों से ही तो उमीदें हैं, उमीदों से हम
बिन सपनों के यह दिल बंजर ही कहलायेगा
इक दिन तो असल भी धुआँ-धुआँ हो जाएगा

बहुत हुआ, अब तू आगे भड़
आये चाहे जो सामने, तू न डर
चल हासिल कर अपना मुकाम
वर्ण एक दिन तू पश्चाताप में रह जाएगा
और फिर इक दिन,
‘तू भी धुआँ-धुआँ हो जाएगा’

(To all my friends and family, let not hold yourselves and let yourself flow freely as the time shall not come back. A message from me to begin your 2013. Love you all!)